शीर्षक : पच्चीस रूपये का इन्साफ
लेखक : सूरज
इस उपन्यास का कवर इंटरेस्टिंग है। तराजू में एक दूध की बोतल और पच्चीस रूपये हैं। और इनके आगे एक माँ है जो अपने दूधमुहे बच्चे के साथ खड़ी है। आखिर ऐसा क्या हुआ कि एक दूध की बोतल के लिए उसे इन्साफ करवाना पढ़ा। कहानी के प्रति रूचि कवर को देखकर ही जागृत हो जाती है।
आप क्या सोचते हैं? कहानी क्या रही होगी?
लेखक : सूरज
इस उपन्यास का कवर इंटरेस्टिंग है। तराजू में एक दूध की बोतल और पच्चीस रूपये हैं। और इनके आगे एक माँ है जो अपने दूधमुहे बच्चे के साथ खड़ी है। आखिर ऐसा क्या हुआ कि एक दूध की बोतल के लिए उसे इन्साफ करवाना पढ़ा। कहानी के प्रति रूचि कवर को देखकर ही जागृत हो जाती है।
आप क्या सोचते हैं? कहानी क्या रही होगी?
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