शीर्षक : कोलाबा कॉन्सपिरेसी
श्रृंखला : जीत सिंह #७
लेखक: सुरेन्द्र मोहन पाठक
सुरेन्द्र मोहन पाठक जी का यह उपन्यास ही था जिसे पढकर मेरी रूचि हिंदी पल्प फिक्शन में जागी थी। उपन्यास के विषय में मेरी राय तो आप ऊपर लिंक पे क्लिक करके पढ़ सकते हैं। हाँ, इसके कवर के विषय में मेरी राय तो ये है कि मुझे इसका कवर पसंद नहीं आया था। मुझे विंटेज कवर ज्यादा अच्छे लगते हैं। डिजिटल कवर में वो बात नहीं लगती। लेकिन उपन्यास बेजोड़ लगा था। नए डिजिटल कवर और पुराने विंटेज कवर में आपको कौन से ज्यादा आकर्षक लगते हैं??
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें