शीर्षक : बन जा बेटा भस्मासुर
लेखक : केशव पंडित
यह पुस्तक धीरज पॉकेट बुक्स से प्रकाशित हुयी है। अगर शीर्षक की बात करें तो ये अपने आप में सोचने में मजबूर कर देती है क्या कि इस की कहानी क्या होगी? केशव पंडित के उपन्यासों की यही खासियत होती है। उनके शीर्षक अजीब से होते हैं जो पढ़ते ही जिज्ञासा जगाये। कवर की बात करें तो केशव बंदी बना हुआ है। बेड़ियों में जकड़ा है। लोग देख रहे हैं। एक खूबसूरत लड़की है जिसके हाथ में रिवाल्वर है। अब कहानी क्या होगी इसके तो कयास ही लागाये जा सकते हैं।
भस्मासुर हिन्दू पौराणिक कथा में एक ऐसा राक्षस था जिसे वरदान प्राप्त था कि वो जिसके ऊपर भी हाथ रखेगा वो भस्म हो जाएगा। हालत ऐसी हो गयी थी कि भस्मासुर एक बार शिव जी को, जिन्होंने कि उसे वरदान दिया था, भी भस्म करने की ठान ली थी। शिव जी भी अपनी जान बचाने को भागे थे। तब कहते हैं कि विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण करके उसे नृत्य के लिए उकसाया था और एक स्टेप में अपने सिर के ऊपर हाथ रखवा लिया था जिससे वो खुद भस्म हो गया था।
अब सोचने वाली बात है कि क्या कहानी में कोई ऐसा ही मोड़ है? अपने को वरदान देने वाले के ऊपर हमला करने की बात हो रही है? या भस्मासुर जैसा प्रलयंकारी होने की। फिर केशव बेड़ियों में क्यों है?
और ये लड़की कौन है?
खैर, हम इधर कयास कितने ही ल्गागे असली नतीजा तो उपन्यास पढ़कर ही पता चलेगा। तब तक आप कवर का मज़ा लीजिये।
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