मंगलवार, 1 दिसंबर 2020

आवरण चित्र: मर्डर ऑन वैलेंटाइन्स

कर्षक आवरण चित्र  की बात की जाए तो हालिया रिलीज़ हुई एक किताब का आवरण चित्र ऐसा है कि यह सबका ध्यान अपनी ओर आकृष्ट कर रहा है। हिन्दी पल्प के स्वर्ण युग में जिस तरह से पेंट किये हुए आवरण चित्रों का ट्रेंड था कुछ उसी तरह का आवरण चित्र इस किताब का भी है।  अब तो ज्यादातर कवर डिजिटल रूप से बनाये जाते हैं जिनमें अलग अलग चित्रों को डिजिटल रूप से जोड़ा जाता है। इससे कवर तो आसानी और सस्ते में बन जाता है लेकिन इन आवरण चित्रों को देखने में मुझे तो वह मजा नहीं आता है क्योंकि सब स्टॉक फोटो होती हैं जिससे यह फैक्ट्री में बनाई गयी प्रतीत होती हैं। कोई नोवेल्टी इनमें नहीं होती है।

यह कवर भी बनाया तो शायद डिजिटल रूप में गया है लेकिन यह उस वक्त के अंदाज में बना हुआ है और उस जमाने के आवरण चित्रों की याद मन में जगाता है। एक नोवेल्टी फैक्टर इसमें दिखाई देता है।

अगर आप हिन्दी लोकप्रिय साहित्य में रूचि रखते हैं तो अब तक समझ गये होंगे कि मैं किस किताब की बात कर रहा हूँ। अगर आप नहीं समझ पाए हैं तो बता दूँ कि यह किताब  सूरज पॉकेट बुक्स द्वारा प्रकाशित विजय कुमार बोहरा जी द्वारा लिखी गयी रहस्यकथा मर्डर ऑन वैलेंटाइन्स  है। 

सबसे पहले तो आप आवरण चित्र देखिये:


मर्डर ऑन वैलेंटाइन - विजय बोहरा

देखा आपने। ऊपर दिया कवर आपको उस युग की याद नहीं दिलाता जब  किताबों के आवरण चित्रों को कलाकारों द्वारा पेंट किया जाता था। व्यक्तिगत तौर पर मुझे तो पेंट किए हुए कवर ही पसंद आते हैं और शायद ज्यादातर पाठकों को भी पेंट किये हुए आवरण चित्र पसंद आते हैं तभी तो इस कवर की मैंने तो हर जगह तारीफ़ ही सुनी है।

कवर गौर से देखें तो आप पायेंगे कि यह कवर बरबस ही आपका ध्यान अपनी ओर आकृष्ट कर देता है। सफेद बैकग्राउंड पर तीन किरदार, एक गुलाब और एक चाकू आपको दर्शाए गये हैं। कवर कथानक के प्रति आपकी उत्सुकता जगाता है। कवर पर बनी आकृति एक कातिल की है जिसके हाथ में एक रक्तरंजित चाकू है। जमीन पर खून से लथपथ एक लाश लेटी हुई है। इस लाश के नीचे एक गुलाब का फूल है। इस फूल की डंडी लाश से दबी हुई है जबकि फूल, जो कि लाश के सिर की तरफ है, पर एक खून से लथपथ चाकू की नोक टिकी हुई है। वहीं एक और डर से चीखती सी स्त्री आपको कवर पर दिखाई देती है।  उस स्त्री के नीचे एक न्यूज़ की कटिंग है जसमें शायद इन कत्लों की रिपोर्ट दर्शाने का प्रयास किया गया है।

आवरण चित्र पर दर्शाए गये ये तीनों ही किरदार आपको सोचने पर मजबूर करते हैं कि यह कौन हैं और ऐसी परिस्थितियों में कैसे पहुँचे? कौन है ये लड़की जिसका कत्ल हुआ है?  चीखने वाली लड़की से कत्ल हुई लड़की का क्या सम्बन्ध है? क्या चीखने वाली लड़की कातिल का अगला शिकार है? क्योंकि उसे देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे वह अपने हमलावर को देखकर चीख रही है? यह कातिल कौन है और क्यों उसने उस लड़की का कत्ल किया है? वह और कितने कत्ल करेगा? क्या गुलाब के फूल पर जो खून से लथपथ चाकू धँसा हुआ दिखाया गया है वह इस और इशारा करता है कि कातिल लड़की का प्रेमी है?

वहीं किताब का शीर्षक भी आपको सोचने पर मजबूर करता है कि वैलेंटाइन के दिन से इसका क्या सम्बन्ध है? वैलेंटाइन के दिन प्रेमी एक दूसरे को गुलाब देते हैं। यह गुलाब इस कवर में भी दिखता जरूर है लेकिन उसे चाकू से गोदा गया है। यह एक तरह से धोखा भी दर्शता है। 

कुल मिलाकर कहूँ तो यह कवर कथानक के प्रति पाठक की उत्सुकता जगाने में कामयाब होता है। कवर में वैसे तो कहीं कोई कमी नहीं है लेकिन एक बिंदु है जिस पर अगर कार्य होता तो कवर और खिल कर आता:

अभी चीखती हुई स्त्री के नीचे एक अखबार की कटिंग है जिसमें कि एक खबर छपी हुई है। उस कटिंग में news आप पढ़ सकते हैं और रिपोर्ट भी अंग्रेजी में है। अगर अखबार अंग्रेजी की जगह हिन्दी का होता तो और मजा आता।

 खैर यह छोटी सी बात है जिससे उतना फर्क कवर की सुन्दरता पर नहीं पड़ता है। यह कवर दीपक द्वारा बनाया गया है और वह इसके लिए बधाई के पात्र हैं। कवर अपना काम बहुत ही अच्छे तरीके से कर रहा है।

दीपक नये कवर आर्टिस्ट मालूम होते हैं। उम्मीद है वह ऐसे और भी उम्दा आवरण चित्र किताबों के लिए तैयार करते रहेंगे।

यह किताब सूरज पॉकेट बुक्स के नवम्बर सेट में प्रकाश्ति हुई है। किताब और इस सेट के विषय में ज्यादा जानकारी आपको निम्न लिंक्स पर मिल जाएगी:

 सूरज पॉकेट बुक्स: नवम्बर सेट

किताब अगर आप मँगवाना चाहें तो सूरज पॉकेट बुक्स से मँगवा सकते हैं
मर्डर ऑन वैलेंटाइन

© विकास नैनवाल 'अंजान'

10 टिप्‍पणियां:

  1. वाकई आवरण चित्र बहुत अच्छा है और उससे भी शानदार है इस आवरण चित्र के बारे में आपका विमर्श....।
    आवरण को ही इतनी बेहतरी से पढने वाले पाठक
    पुस्तक और लेखक को किस्मत से मिलते हैं...
    सादर नमन आपको।

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