गुरुवार, 3 जून 2021

आवरण चित्र: चालबाज़ बूढ़ा

सन 2009 के करीब हार्पर कॉलिंस हिन्दी ने लेखक इब्ने सफी के कई उपन्यासों को पुनः प्रकाशित किया था। अगर हिन्दी जासूसी उपन्यास पढ़ते आये हैं या आपने कभी उन्हें पढ़ा है तो आपने इब्ने सफी का नाम न सुना हो ये हो नहीं सकता। इब्ने सफी ने अपने जीवन में जासूसी दुनिया सीरीज और इमरान सीरीज के अंतर्गत सौ सौ उपन्यासों से ऊपर लिखे थे। जब हार्पर ने इन्हें पुनः प्रकाशित किया तो उन्होंने जासूसी दुनिया श्रृंखला के आठ उपन्यास और इमरान सीरीज के सात उपन्यासों को पुनः प्रकाशित किया। उपन्यासों का अनुवाद चौधरी ज़िया इमाम ने किया था।  ऐसा नहीं है कि इब्ने सफी के उपन्यास पहली बार हिन्दी में अनूदित होकर प्रकाशित हो रहे थे। यह उपन्यास पहले भी हिन्दी में अनूदित हुए हैं लेकिन उस वक्त जासूसी दुनिया के नायक फरीदी का नाम हिन्दी अनुवाद में विनोद रखा गया था। इस बार अच्छी बात यह हुई है कि मुख्य किरदारों के नामों में कोई तब्दीली न की गयी है। 

आज मैं आपके समक्ष जासूसी दुनिया श्रृंखला के सातवें उपन्यास चालबाज बूढ़ा का आवरण चित्र लेकर प्रस्तुत हुआ है। चलिए पहले आवरण चित्र देखते हैं:

आवरण चित्र: चालबाज़ बूढ़ा
फ्रंट कवर बायाँ, बैक कवर दायाँ
हार्पर द्वारा पुनः प्रकाशित इब्ने सफी के उपन्यासों की खासियत यह रही है कि पूरा आवरण चित्र बैक कवर और फ्रंट कवर को बनाकर ही बनता है। ऊपर दिए कवर को अगर आप देखें तो फ्रंट कवर एक कहानी कह रहा है और बैक कवर दूसरी कहानी कह रहा है। 

यह भी पढ़ें: जासूसी दुनिया श्रृंखला के सातवें उपन्यास 'चालबाज़ बूढ़ा' की समीक्षा

पहले फ्रंट कवर पर आये तो इसमें एक बूढ़ा बना है और वहीं नीचे की तरफ कुछ कबीले वाले एक व्यक्ति को खाट पर बाँधे उसे घेर कर खड़े हैं।  चूँकि शीर्षक चालबाज बूढ़ा है तो हम यह तो अंदाजा लगा सकते हैं कि यह बूढ़ा शायद वही हो। वहीं कबीले वालो को देखकर मन में यही प्रश्न उठता है कि इन कबीले वालों का कहानी से क्या लेना देना है। इन्होने ये किसे बाँधा हुआ है और ये अपने बंधक के साथ क्या करने वाले हैं? यह सभी बातें उपन्यास के प्रति उत्सुकता जगाते हैं। 

अगर बैक कवर पर हम आयें तो उसमें बंदूक पकड़े एक जासूस खड़ा है जो कि हो न हो शायद उपन्यास का नायक फरीदी ही है। वहीं बैक कवर पर एक औरत भी है जिसके हाथ में एक शीशी है जो कि वह पीने वाली है। यह औरत कौन है और वह शीशी से क्या पी रही है? क्या वो जहर है? अगर जहर है तो वह इसे क्यों पीना चाहती है? यह सब प्रश्न पाठक के मन में आवरण को देखकर आसानी से जागृत होंगे। 

चूँकि इसका आवरण चित्र किताब के प्रति उत्सुकता जगाता है तो मेरी नजर में यह एक अच्छा आवरण चित्र है। इस आवरण चित्र के लिये रज़ा अब्बास बधाई के पात्र हैं। उन्होंने ही इस आवरण चित्र को बनाया है और यह उपन्यास के साथ पूरा न्याय करता है। रज़ा अब्बास ने ही हार्पर द्वारा प्रकाशित जासूसी दुनिया और इमरान श्रृंखला के उपन्यासों के आवरण बनाये थे और बहुत खूबसूरत बनाये थे। वो एक अनुभवी कलाकार हैं और यह चीज आवरण में दिखाई देती है। 

क्या आपने इस उपन्यास को पढ़ा है? आपको यह आवरण कैसा लगा? जरूर बताइयेगा। 

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