रविवार, 8 नवंबर 2020

आवरण चित्र: एक्सीडेंट एक रहस्य कथा - अनुराग कुमार जीनियस

आज जो आवरण चित्र मैं आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ वह अनुराग कुमार जीनियस के उपन्यास एक्सीडेंट एक रहस्यकथा का है। यह किताब सूरज पॉकेट बुकस से प्रकाशित है। चूँकि  मैंने इस किताब को उनके सेट के साथ ही खरीदा था तो आवरण चित्र उस वक्त तो गौर से नहीं देखा था लेकिन अब देख रहा हूँ तो मुझे रोचक लग रहा है। सबसे पहले आप आवरण चित्र देख लीजिए।



आवरण चित्र को अगर देखें तो इसमें एक कार दिखाई दे रही है जो कि किसी नदी में डूबती हुई दिखाई गयी है। चूँकि कार की हेडलाइट जल रही है और आसपास अँधेरा है तो आसानी से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि दुर्घटना जब हुई तब रात का वक्त था। इस कार का ड्राइविंग सीट वाला दरवाजा खुला हुआ है और कार के बगल में एक युवती डूबती हुई दिखाई दे रही है। कार खाली दिख रही है तो यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह अकेली ही इस कार को चला रही थी।

आमतौर पर अगर कोई व्यक्ति डूब रहा होता है तो उसका चेहरा मोहरा विकृत हो जाता है। उसके चेहरे पर खौफ के भाव विद्यमान होते हैं और उसकी शारिरिक मुद्रायें उसकी इस छटपटाहट को दर्शाती है। परंतु आवरण चित्र पर बनी युवती के साथ ऐसा कुछ नहीं है। ऊपर की तरफ उठा हुआ उसका चेहरा साफ देखा जा सकता है। 

युवती का चेहरा अगर आप गौर से देखेंगे तो पाएंगे कि उसकी आँखें बंद हैं। उसके चेहरे पर एक शांति दिखाई देती है। एक पल के लिए आप सोच सकते हैं कि वह बेहोश हो लेकिन उसकी शरीरिक मुद्रा कुछ इस तरह से बनी हुई है जिससे लगता है जैसे उसने अपनी मौत को गले लगाया है। वह बचना नहीं चाहती है।

यह युवती कौन है? 

इतनी रात गये वह कहाँ जा रही थी या कहाँ से आ रही थी?? 

क्या यह सचमुच एक दुर्घटना थी या, जो कि युवती के चेहरे को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है, आत्महत्या की कोशिश थी? अगर यह युवती द्वारा आत्महत्या की कोशिश थी तो उसने यह कदम क्यों उठाया?

आवरण चित्र देखकर मन में उभरते यह प्रश्न उपन्यास के कथानक के प्रति मेरे मन में उत्सुकता जगा देते हैं। 

आपका क्या ख्याल है???

एक अच्छे आवरण चित्र की यही खासियत होती है कि वह पाठक के मन में उपन्यास के कथानक को लेकर इतने प्रश्न जगा देता है कि वह उपन्यास पढ़ने के लिए लालायित हो जाता है। इस मापदण्ड में मेरी नज़र में तो यह उपन्यास खरा उतरता है। इस कारण शाहनवाज़ खान, जिन्होंने इस उपन्यास का कवर बनाया है, बधाई के पात्र हैं। उम्मीद है ऐसे अच्छे आवरण चित्र वो बनाते रहेंगे।

किताब अगर आप चाहें तो आप निम्न लिंक पर जाकर खरीद सकते हैं:

किंडल | पेपरबैक


© विकास नैनवाल 'अंजान'


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