आज मैं आपके समक्ष यमुना दत्त वैष्णव की किताब हिमसुंदरी का आवरण चित्र लेकर आया हूँ। हिमसुंदरी मैंने 2018 के दिल्ली विश्व पुस्तक मेले से खरीदी थी। पुस्तक मेलों में मुझे घूमना पसंद रहा है क्योंकि उधर काफी ऐसी किताबें मिल जाती हैं जिनके विषय में पुस्तक मेले में जाने से पहले मुझे कोई जानकारी नहीं रहती है। ऐसे में नई और अनजान किताबों को मैं अपने साथ लेकर आ जाता हूँ। 2018 के दिल्ली पुस्तक मेले में भी ऐसी काफी किताबें मेरे साथ मेरे घर आईं थीं। 2018 के इस पुस्तक मेले की मेरी घुमक्कड़ी का वृत्तांत आप निम्न लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं:
नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला- 2018
हिमसुंदरी की बात करूँ तो हिमसुंदरी के आवरण चित्र ने ही नहीं अपितु उसके शीर्षक ने भी मेरा ध्यान अपनी और आकृष्ट कर दिया था इसलिए मैं जो कि मौत का रहस्य किताब लेने लिए विश्व बुक्स के स्टाल में गया था वो इस किताब को भी लेकर आ गया।
चलिए पहले आवरण चित्र को ही देख लेते हैं:
हिमसुंदरी - यमुनादत्त वैष्णव 'अशोक' |
यह किस जगह का चित्र है और इस चित्र में दर्शाई दे रही यह महिला कौन है?
क्या यही वह हिमसुंदरी का जिसके ऊपर इस किताब का शीर्षक है?
फिर एक और प्रश्न आपके मन में आता है कि यह महिला इस बर्फ की कैद में कैसे आई और क्या इस उपन्यास में इस कहानी को भी उजागर किया जाएगा?
चूँकि यह दृश्य हम देख रहे हैं तो इस बात का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि किताब के किसी चरित्र को यह दृश्य दिखाई दिया होगा। आखिर वह चरित्र कौन है और वह इस वीरान इलाके में क्या कर रहा था?
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