अक्सर मैं ऐसे हॉरर या फंतासी उपन्यास ले लेता हूँ। अगर इन उपन्यास के लेखक भारतीय हो तो फिर कहना ही क्या? वो तो सोने पर सुहागा है।
ऐसे ही एक उपन्यास के आवरण चित्र ने मुझे बरबस ही अपनी तरफ आकर्षित कर लिया था। यह उपन्यास था S V Sujatha का लिखा The Demon Hunter of Chottanikkara. पहले तो आप आवरण चित्र देखिये फिर आगे की बातें करेंगे।
The Demon Hunter of Chottanikkara - S V Sujatha |
तो देखा आपने आवरण? है न रोचक?
इसे देखकर ही सबसे पहला प्रश्न मेरे मन में आया था कि यह बड़ी सी डायनासौर जैसी छिपकली आखिर है क्या? क्या यही वो राक्षस है जिसके विषय में यह उपन्यास है?
फिर आवरण चित्र में दो परछाई दिख रही हैं। इनमें से एक स्त्री है और दूसरा सिंह है।
इन्हें देखकर प्रश्न उठता है कि इस सिंह और और इस स्त्री, जो कि यौद्धा दिख रही है, में क्या रिश्ता है? क्या ये दोनों दोस्त हैं? क्या इनका मिशन इस दैत्याकार जीव को मारना है? अगर हाँ, तो इन्हें इस मिशन पर किसने भेजा और क्यों? क्या ये इसमें सफल हो पाए? यह घटनाएं कहाँ घटित हो रही हैं?
ऐसी ही कई प्रश्न इस आवरण चित्र को देखकर मेरे में जागृत हो गये थे। मुझे मालूम था कि इनके उत्तर तो उपन्यास को पढ़कर ही पता चल पाएंगे और इस कारण मैंने इस उपन्यास को खरीद लिया।
अब मैं इस उपन्यास को पढ़ रहा हूँ। देखना है इन प्रश्नों के उत्तर मुझे मिलते हैं या नहीं? लेकिन यह बात तो कहनी ही होगी कि यह आवरण एक पाठक की उत्सुकता जगाने में कामयाब जरूर होता है। यह कवर आर्ट कुनाल कुंडु की है और वह इसके लिए बधाई के पात्र हैं।
अब मैं इस उपन्यास को पढ़ रहा हूँ। देखना है इन प्रश्नों के उत्तर मुझे मिलते हैं या नहीं? लेकिन यह बात तो कहनी ही होगी कि यह आवरण एक पाठक की उत्सुकता जगाने में कामयाब जरूर होता है। यह कवर आर्ट कुनाल कुंडु की है और वह इसके लिए बधाई के पात्र हैं।
आपका इस आवरण चित्र के विषय में क्या ख्याल है? क्या आपको यह रोचक लगा?
क्या अपने इस उपन्यास को पढ़ा है? अगर हाँ तो क्या आपको लगा कि आवरण चित्र ने कथानक के साथ न्याय किया है?
अपने विचारों से मुझे अवगत जरूर करवाईयेगा।
अपने विचारों से मुझे अवगत जरूर करवाईयेगा।
उपन्यास अगर आप चाहें तो निम्न लिंक से जाकर खरीद सकते हैं:
© विकास नैनवाल 'अंजान'
बहुत सुन्दर आवरण है...वाकई।
जवाब देंहटाएंजी आभार.... आवरण आपको भी पसंद आया यह जानकर अच्छा लगा....
हटाएंबहुत सुंदर आवरण।
जवाब देंहटाएंजी आभार....
हटाएं