सोमवार, 10 फ़रवरी 2020

आवरण चित्र: अटैची रहस्य

जब से मेरा सत्यजित राय के किरदार फेलूदा से परिचय हुआ है उसके हर एक कारनामे को पढ़ने की इच्छा मेरे मन में बलवती सी हो गयी है। अक्सर मैं खुद को अमेज़न में सत्यजित राय की पुस्तकें सर्च करते हुए पाता हूँ और अगर कभी सत्यजित राय की किताबें हिन्दी में मिल जाती हैं तो उन्हें बिना किसी देरी के मँगवा देता हूँ। हिन्दी में सत्यजित राय की पुस्तकें कम ही उपलब्ध हैं और व्यक्तिगत तौर पर अन्य भारतीय भाषाओं में लिखी पुस्तकों के अंग्रेजी अनुवाद के बजाय हिन्दी अनुवाद पढ़ने में मुझे ज्यादा आनंद आता है। जब हिन्दी अनुवाद नहीं मिलते हैं और मिलने की उम्मीद ही नहीं होती है तो मैं अंग्रेजी के अनुवाद को तरजीह देता हूँ।

ऐसे ही मुझे रेमाधव प्रकाशन द्वारा प्रकाशित सत्यजित राय की किताबों के विषय में पता चला था और मैंने मँगवा ली थी।  रेमाधव प्रकाशन से प्रकाशित सत्यजित राय के उपन्यासों की खासियत इनके सादे आवरण चित्र होते हैं। अक्सर जासूसी उपन्यासों के आवरण चित्र चटक रंगों में बनाये जाते हैं। उन आवरण चित्र में अक्सर लड़कियाँ या कुछ एक्शन होते दर्शाया जाता है लेकिन रेमाधव से प्रकाशित इन उपन्यासों में ऐसा नहीं है। 

अभी हाल फिलहाल में मैंने इसी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित उपन्यास अटैची रहस्य पढ़ने के लिए उठाया। अटैची रहस्य  फेलूदा श्रृंखला का सातवाँ  उपन्यास है। रेमाधव प्रकाशन द्वारा प्रकाशित अन्य पुस्तकों की तरह इस पुस्तक का आवरण चित्र भी सादा परन्तु रोचक है।  

अटैची रहस्य - सत्यजित राय

आवरण के तौर पर अटैची रहस्य में एक सफेद बैकग्राउंड पर एक छोटा सा रेखा चित्र बनाया गया है। 

इस रेखा चित्र में एक वृद्ध व्यक्ति टाइप राइटर के समक्ष बैठा हुआ, पाइप पीते हुए कुछ लिखता सा प्रतीत होता है। वहीं दरवाजे से हाथ जोड़े दो युवा अंदर आते दिखते हैं। यह युवा कौन हैं? इसका अंदाजा अगर मुझे लगाना पड़े तो मैं कहूँगा कि जरूर ये फेलूदा और तोपसे होंगे। वहीं आवरण चित्र देखकर मन में कुछ और प्रश्न भी आते हैं। यह पाइप पीते हुए जो बुजुर्ग हैं वो कौन हैं? वह टाइप राइटर पर क्या लिख रहे हैं? तोपसे और फेलूदा ही अगर ये युवा हैं तो ये क्यों इन बुजुर्ग के पास आये हैं? क्या कोई नया केस इन्हे इन बुजुर्ग के पास खींच लाया है? अगर ऐसा है तो वह केस क्या है? 

चूँकि उपन्यास का नाम अटैची रहस्य है तो इस बात का अंदाजा तो हो ही जाता है कि उपन्यास में कहीं न कहीं अटैची का होना लाजमी है। फिर यह प्रश्न भी मन में उठना लाजमी है कि यह किसकी अटैची है और इसके पीछे रहस्य क्या है?

सादे से दिखने वाले इस आवरण चित्र को गौर से देखें तो आपके मन में यह कई प्रश्न जगाता है  जिसका उत्तर पाने के लिए आप इस उपन्यास को जरूर पढ़ना चाहेंगे। यह आवरण यह भी साबित करता है कि एक रोचक आवरण चित्र के लिए आपको ज्यादा तामझाम की जरूरत नहीं होती है।

आपका इस आवरण चित्र के विषय में क्या ख्याल है? क्या यह आपके मन में रूचि जगाता है?

बताइयेगा जरूर। 

किताब आप निम्न लिंक से मँगवा सकते हैं:
पेपरबैक

©  विकास नैनवाल 'अंजान'

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