शीर्षक : मैं इंतकाम लूंगी
लेखक : सूरज
जैसा की शीर्षक से ही लग रहा है कि ये एक रिवेंज ड्रामा होगा। नीली पृष्ठभूमि पर कई चेहरे लगाए लगाये हैं। जहाँ बन्दूक बन्दूक कम लाइटर ज्यादा लग रही है लेकिन जिस तरह से इसका इस्तेमाल किया है उससे ये बात तो साफ़ है एक लड़की किसी चीज का बदला लेना चाहती है। वो ये बदला किस चीज का लेना चाहती है ये तो उपन्यास पढ़कर ही साफ़ हो पायेगा।
कवर में अगर कहानी का कोई दृश्य दिखे तो ऐसे कवर मुझे अक्सर पसंद आते हैं। यहाँ ऐसा कुछ नहीं है।
लेखक : सूरज
जैसा की शीर्षक से ही लग रहा है कि ये एक रिवेंज ड्रामा होगा। नीली पृष्ठभूमि पर कई चेहरे लगाए लगाये हैं। जहाँ बन्दूक बन्दूक कम लाइटर ज्यादा लग रही है लेकिन जिस तरह से इसका इस्तेमाल किया है उससे ये बात तो साफ़ है एक लड़की किसी चीज का बदला लेना चाहती है। वो ये बदला किस चीज का लेना चाहती है ये तो उपन्यास पढ़कर ही साफ़ हो पायेगा।
कवर में अगर कहानी का कोई दृश्य दिखे तो ऐसे कवर मुझे अक्सर पसंद आते हैं। यहाँ ऐसा कुछ नहीं है।
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