मंगलवार, 3 दिसंबर 2019

आवरण चित्र: हंडिया भर खून

नानक सिंह पंजाबी के जाने माने उपन्यासकार हैं। उनकी कुछ किताबें हिन्दी में अनुवादित कर मनोज पब्लिकेशनस द्वारा प्रकाशित की गयी हैं जिनके आवरण चित्रों ने मेरा ध्यान आकर्षित किया था। हंडिया भर खून उनकी ऐसी ही एक किताब है। यह मूल रूप से पंजाबी में लिखी है। इसका आवरण चित्र भी मुझे आकर्षक लगा था। इस पोस्ट में इसी के ऊपर बात करूँगा।

पहले आप आवरण चित्र देखिये:


है न आकर्षक आवरण चित्र। आवरण पुराने पल्प उपन्यासों की याद दिलाता है। इसमें तीन चार किरदार आप आराम से देख सकते हैं। मुख्य रूप से एक स्त्री का किरदार है जो दुखी लग रही है। उसके बगल में एक खूबसूरत युवक का चित्र है जिसके चेहरे से दृढ़ता का भाव झलकर रहा है। वहीं नीचे कोने एक पंडित, एक मुस्लिम और दाढ़ी वाला किरदार बनाया गया है। इनके सब के साथ एक चित्र भी है जिसमें लोग किसी संघर्ष में भाग लेते से प्रतीत होते हैं।

इस आवरण को देखकर आपके मन कई तरह के प्रश्न उठते हैं?

यह स्त्री दुखी क्यों है?

यह युवक अपने किस मकसद के प्रति दृढ़ है?

यह तीन अलग अलग धर्मो के दिखने वाले लोग किस बात का प्रतीक हैं? क्या यह उपन्यास धार्मिक सौहार्द को लेकर लिखा गया है?

यह लोग किस बात के खिलाफ संघर्षरत हैं?

मेरे मन में तो इस चित्र को देखने के बाद यह प्रश्न उठते हैं। फिर शीर्षक पर नज़र डालता हूँ तो एक प्रश्न और उठता है कि यह हंडिया भर खून का क्या चक्कर है?

जब पहली बार इस कवर को देखा था तो ऐसे ही प्रश्न अवचेतन मन में शायद उभरे थे। यही कारण था कि शायद इसे झट से खरीद लिया था।

2017 में मैंने उपन्यास पढ़ा था और मुझे उस वक्त बहुत पसंद भी आया था। उपन्यास के प्रति मेरे विचार आप निम्न लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं:
हंडिया भर खून

आपको यह आवरण चित्र कैसा लगा? क्या इस आवरण ने किताब के प्रति आपकी उत्सुकता को जागृत किया है? क्या आपने इस किताब को पढ़ा है और क्या यह आवरण चित्र किताब के अनुसार है? मेरे हिसाब से तो किताब के कथानक के अनुरूप ही इस आवरण चित्र का निर्माण हुआ है।

अपने विचारों से मुझे जरूर अवगत करवाइयेगा।   

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

लोकप्रिय पोस्ट