शीर्षक : डकैत नंबर १
लेखक : राज
डकैत शब्द जब मैंने सुनता हूँ तो बॉलीवुड द्वारा निर्मित डकैत की ही छवि मन में उत्पन्न होती है। सर पे काली रंग की पगड़ी, एक काले रंग का लंबा कुर्ता और काले या सफ़ेद रंग की धोती। एक गोलियों की पट्टी जो कि कंधे से बंधी हो और एक राइफल जो पीछे लटकी हो और एक घोड़ा जिसमे वो सवार। ये होता है एक डकैत। इसके इलावा बड़ी बड़ी घनी मूछें भी उसकी पहचान होती थी। इस उपन्यास का डकैत कैसा है ये तो नहीं पता लेकिन कवर देखकर कुछ पता नहीं चल रहा है। कवर अच्छा तो लगता है लेकिन कहानी के विषय में जिज्ञासा जागृत नहीं कर पा रहा है।
लेखक : राज
डकैत शब्द जब मैंने सुनता हूँ तो बॉलीवुड द्वारा निर्मित डकैत की ही छवि मन में उत्पन्न होती है। सर पे काली रंग की पगड़ी, एक काले रंग का लंबा कुर्ता और काले या सफ़ेद रंग की धोती। एक गोलियों की पट्टी जो कि कंधे से बंधी हो और एक राइफल जो पीछे लटकी हो और एक घोड़ा जिसमे वो सवार। ये होता है एक डकैत। इसके इलावा बड़ी बड़ी घनी मूछें भी उसकी पहचान होती थी। इस उपन्यास का डकैत कैसा है ये तो नहीं पता लेकिन कवर देखकर कुछ पता नहीं चल रहा है। कवर अच्छा तो लगता है लेकिन कहानी के विषय में जिज्ञासा जागृत नहीं कर पा रहा है।
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