शीर्षक : गवाही
लेखक : सुरेन्द्र मोहन पाठक
श्रृंखला : नीलेश गोखले
जहाँ पहले प्रकाशक एक बार में पेंटर से पूरा कवर बनवाता था वहीं आजकल वो कुछ किरदार को बनवा देता है और फिर उन अलग अलग किरदारों को कंप्यूटर की मदद से अलग अलग तरीके से लगाकर नए कवर बनवा देता है। तौर पर मुझे ये तरीका पसंद नहीं आता है। मुझे लगता है इससे किताब अपनी आइडेंटिटी खो देती है लेकिन शायद प्रकाशक को ये सस्ता पड़ता है और उनके लिए तो किताब छापना एक व्यापार ही है। इस कवर में भी ऐसा ही किया गया है। सिगार वाला आदमी, फोन लगाए हुए लड़की ये सब राजा से प्रकाशित अन्य उपन्यासों में मिल जायेंगे। बस किस कोण से लगे हैं उसका फर्क रहता है।
लेखक : सुरेन्द्र मोहन पाठक
श्रृंखला : नीलेश गोखले
जहाँ पहले प्रकाशक एक बार में पेंटर से पूरा कवर बनवाता था वहीं आजकल वो कुछ किरदार को बनवा देता है और फिर उन अलग अलग किरदारों को कंप्यूटर की मदद से अलग अलग तरीके से लगाकर नए कवर बनवा देता है। तौर पर मुझे ये तरीका पसंद नहीं आता है। मुझे लगता है इससे किताब अपनी आइडेंटिटी खो देती है लेकिन शायद प्रकाशक को ये सस्ता पड़ता है और उनके लिए तो किताब छापना एक व्यापार ही है। इस कवर में भी ऐसा ही किया गया है। सिगार वाला आदमी, फोन लगाए हुए लड़की ये सब राजा से प्रकाशित अन्य उपन्यासों में मिल जायेंगे। बस किस कोण से लगे हैं उसका फर्क रहता है।
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