किताब जब पहली बार देखते हैं तो उसका आवरण ही है जो आपको उसे उठाने को मजबूर करता है। शायद यही कारण है कि अंग्रेजी में Don't Judge a book by its cover कहा जाने लगा क्योंकि लोग आवरण देखकर ही किताब का अंदाजा लगाने लगे थे। हाँ, एक अच्छा आवरण किताब के अच्छे होने की गारंटी नहीं होता है लेकिन एक अच्छी किताब पर लगा हुआ अच्छा कवर उस किताब के प्रति पाठकों का कोतूहल जरूर बढ़ा सकता है। यह ब्लॉग ऐसे ही कलात्मक और आकर्षक आवरणों के लिए हैं। उम्मीद है आपको यह प्रयास पसंद आएगा।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
लोकप्रिय पोस्ट
-
शीर्षक : बकरे की माँ लेखिका : रीमा भारती रीमा भारती आई एस सी की सबसे तेज तरार एजेंट है। माँ भारती की लाडली अपनी संस्था के ओर से कई जोख...
-
शीर्षक : 48 इंच का हिटलर लेखक : केशव पंडित इस कवर को आप देखें तो एक तानाशाह जैसी पोशाक और एक नकाब लगाये व्यक्ति खड़ा है। एक औरत है जिसे ...
-
शीर्षक : चींटी लड़ेगी हाथी से लेखक : केशव पंडित केशव पंडित के उपन्यासों को जो बात अलग करते थे वो उनके शीर्षक ही होते हैं। ये ऐसे होते ...
-
शीर्षक : प्यासी आत्मा लेखक : राजभारती अगर हिंदी हॉरर उपन्यासों की बात करें तो पल्प में आजकल केवल राज भारती ही हैं जो नियमित र...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें